Saturday, August 27, 2011

चलो आज ज़िन्दगी में एक नयी शुरुआत करते हैं..


चलो आज फिर एक नयी शुरुआत करते हैं
जो कहनी सुननी चाही आज सारी बात करते हैं
ना कोई अब दूरी रहे , ना कोई भी अधुरी रहे
चलो आज ज़िन्दगी में एक नयी शुरुआत करते हैं

शब्दों को नया अर्थ, वादों को नया आयाम देते हैं
सपने जो देखे कभी ,उनको अब साकार करते हैं
कहानी जो शुरू की, उसको नया अंजाम देते हैं
चलो आज ज़िन्दगी में एक नयी शुरुआत करते हैं

बीते कल को कहीं अपने पीछे छोड़ आते हैं
आने वाले कल को फिर एक नए ढंग से सजाते हैं
रात के अँधेरे को निकाल, दिन का उजाला भरते हैं
चलो आज ज़िन्दगी में एक नयी शुरुआत करते हैं

खो गए थे जिन रास्तो में, उनमे नयी तलाश करते हैं
मंजिल को ही नहीं, आज डगर को भी नया नाम देते हैं
दिलो में हौसले को ही नहीं , जूनून को भी जगह देते हैं
चलो आज ज़िन्दगी में एक नयी शुरुआत करते हैं

3 comments:

राजीव गुप्ता said...

बहुत सुन्दर कविता है। "बीती ताहिं बिसार दे , आगे की सुध लेय्…… के भावों को बहुत ही अच्छे ढग से आगे बढाया है, बेटा मेरा पूरा विश्वास और आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।

राजीव गुप्ता said...

बहुत सुन्दर कविता है। "बीती ताहिं बिसार दे , आगे की सुध लेय्…… के भावों को बहुत ही अच्छे ढग से आगे बढाया है, बेटा मेरा पूरा विश्वास और आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।

मीत said...

thats cool
and nice poem

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