फूलों के खिलने का नाम हैं ज़िन्दगी
सपनो के बिखरने का नाम हैं जिन्दगी
मिलके बिछडने का नाम हैं ज़िन्दगी
फिर भी क्या हैं जिन्दगी ? कैसी हैं ज़िन्दगी ?
कभी हँसाती कभी रुलाती ये ज़िन्दगी
कभी धूप तो कभी छांव हैं ये ज़िन्दगी
कभी चाहत तो कभी बोझ हैं ज़िन्दगी
कभी जीते जी मार देती हैं ज़िन्दगी
ना जाने क्यूँ ऐसे ऐसे मोड़ दिखाती ये ज़िन्दगी
न जाने क्यों किसी से ज़िन्दादिली छीन लेती ज़िन्दगी
शायद ऐसे ही टूटने , ऐसे ही सिमटने का नाम हैं ज़िन्दगी
कभी फूलों कभी काँटों की चुभन का नाम हैं ज़िन्दगी...
Kabhi kabhi kuch aisa hota hai ki aap kuch kehna chahte hai per kisse kahe ye samajh nahi aata, bus aise hi kuch khayalo ko shabd dene ki koshish hai "Meri Duniya"
Sunday, January 25, 2009
Wednesday, January 21, 2009
चाहती हूँ ...
एक एक शब्द बनकर तेरे होठों पर छा जाना चाहती हूँ
एक एक गम बनकर तेरी आंखों से कतरा बन बह जाना चाहती हूँ
एक एक खवाब बनकर तेरी पलकों में क़ैद हो जाना चाहती हूँ
एक एक याद बनकर तेरे दिल में बस जाना चाहती हूँ
एक हमसाया बनकर तेरा हमकदम बन जाना चाहतीं हूं
एक खुशी बनकर तेरे नए जीवन की नींव बन जाना चाहती हूं
एक बीता कल बनके ही सही तेरी यादों में बस जाना चाहती हूं
ख़ुद को मिटाकर तेरे मन में बस जाना चाहती हूं
एक एहसास बनकर तेरे आसपास अनंत में लीन हो जाना चाहती हूं
Friday, January 2, 2009
ये बदलाव अछा क्यों नही लगता हैं ..
नया साल नया दिन ..सबकी ढेरो शुभकामनाये ..पर नया क्या हैं ये मुझे अब समझ नहीं आता कि तारीख के आलावा कुछ बदला नही लगता .तारीखे तो रोज़ बदला करती हैं फिर ..
सबके चेहरों पे वही एक झूटी मुस्कराहट और वही एक गहरा नकाब ..कौन क्या चाहता हैं क्या करता हैं कुछ भी समझ पाना मुश्किल लगता हैं..और और आजकल ये दिल क्या चाहता हैं ये भी समझ पाना मुश्किल हो गया हैं॥
सबकी अपनी दुनिया हैं जिसमे किसी और की कोई जगह नही..किसी के पास किसी की बात सुनने का भी वक्त नही है ।
पहले जब भी रात को आसमान की तरफ़ देखा करती..उसके दूर दूर तक बिखरे तारे देखती तो दिल को सुकून मिला करता पर वही आसमान आज खालीपन का एहसास दे जाता हैं..एक ऐसा एहसास जो ख़तम ही नही होता ..
पहले कभी ऐसा नही लगता था..क्या बदला हैं ये आसमान या मेरी नज़र
सब कुछ इतना बदला बदला क्यों हैं और ये बदलाव अछा क्यों नही लगता हैं ..
सब कुछ इतना बदला बदला क्यों हैं और ये बदलाव अछा क्यों नही लगता हैं ..
Subscribe to:
Posts (Atom)