Kabhi kabhi kuch aisa hota hai ki aap kuch kehna chahte hai per kisse kahe ye samajh nahi aata, bus aise hi kuch khayalo ko shabd dene ki koshish hai "Meri Duniya"
Saturday, December 1, 2007
चलते जाने का इरादा है..
पर बीती बातों का सावन भी नही रहता
गुजरी रातों का कोइ हिसाब नही होता
कुछ राहगीरों को कभी मुकाम नही मिलता
किसी को क्या कहे , ये तो खुद कि किस्मत है
सब कहते कि है सब इन लकीरों कि बदौलत है
दुनिया तो मुझे ही गलत कहती है
तभी मुझको कभी बुत कभी पत्थर का नाम देती है
लोग को कहना है तो कह लेते है
शायद इसीलिए इस तरह अपनी बात सूना देते है
मेरी मुस्कुराहट को गलत समझ लेते है
मेरे गम को कम समझ लेते है
ये तो किसी से कभी किया एक वादा है
जिंदगी भर अब यूँही चलते जाने का इरादा है..
Tuesday, November 27, 2007
दुनिया
हर किसी चेहरे पे परत है
किसे पे कम किसी पे ज्यादा
बस इतना ही फरक है
जो दिखता है वो होता नही है ?
जो होता है वो द्खिंता क्यों नही है ?
जो है दिल मे वही चहरे पे लिखा क्यों नही होता?
इस सवाल का जवाब भी किसी के पास क्यों नही मिलता ?
बार बार इसी पशोपेश मे हमे लाके खडा कर देता है
किसी और से क्या कहे ये तों अपना दिल है जो बार बार दगा देता है
ये नज़र है जो बार बार धोका खाती है
और हर बार सजा ये बेचारा दिल पता है ...
Saturday, November 24, 2007
बिन कोई......
क्या था कल , और आज क्या रह गया
कुछ पलो के साथ जैसे सबकुछ बह गया
ज़िंदगी यूं तो कभी महफिल सी न थी
पर यूं तो कभी विरान भी न थी
किससे कहूँ, किससे शिक़ायत करों
कौन है जिससे ये हालत बयां करों
इसे किस्मत कहों या ज़माने कि बंदिश
या किसी अपने कि ही कोई गहरी साजिश
खैर जो भी ऐसा ही है
सच तो यह है कि, कोई अपना नही है
कुछ सवाल बार बार उठते है
जो हर बार जवाब ढ़ूढ़ते है
पर उनका कि जवाब नही मिलता
सारे जख्मो का हिसाब नही मिलता
जानती हूँ ज़िंदगी खतम नही होती
ये मौत भी इंसान को यूं नसीब नही होती
खुशनसीब है वो जो अश्क बहा सकते है
अपने दर्द को किसी से यूं बाँट सकते
ज़िंदगी कि न तो ये सुबह है और न ये शाम
न तो शुरुआत है और न तो ये अंजाम
न जाने कौन सा मोड़ है ये , न जाने कौन सी डगर
बस चलते जाना है बिन कोई हमसफ़र….
Thursday, November 1, 2007
WILL WE EVER© Angy Rose
Impossible Love
The happiness of seeing you is beyond words.
Of my friend I can tell you this.
I can pledge to honor you and that I would.
Tuesday, October 30, 2007
जाने क्यों होता है ऐसा अक्सर...
रह जाता है कल मे उलझकर
न आज नजर आता है और न कल
चाहके भी ये कल नही छूटता
काटों से लिप्त दमन नही सुलझाता
चारो तरफ एक परत सी जम जाती है
जिंदगी भी जैसे सिमट के रह जाती हैं.
अतीत वर्त्तमान सब एक सा लगता है
जो कुछ भी हुआ एक बुरा सपना सा लगता है
जानता है दिमाग लेकिन की ये सचाई है
Saturday, October 27, 2007
एक दिन ज़िंदगी मुस्कुराएगी !!!!
मैंने सोचा था ज़िंदगी एक बोझ है
जबतक जीना तब तक इसे उठाना है
और एक दिन संसार से अलविदा हो चले जाना है।
है ज़िंदगी काटों से भरी , फिर भी हम चले जाते है
गमो को पीकर मुस्कुराते है
ज़िंदगी रूकती नही, निरंतर चलती रहती है
और हमसे ये कहती है
तुम भी चलते रहो निरंतर पथिक बनकर
मंजिल मिल ही जायेगी एकदिन
जिसे समझे थे तुम शूल बनकर फूल
एकदिन ज़िंदगी मुस्कुराएगी.......
Friday, October 26, 2007
Kya hota hai rishta , kyu hota hai rishta…..
Kabhi judta kabhi tutta rishta
Kabhi jodta to kabhi todta rishta
Kya hota hai rishta , kyu hota hai rishta
kya kuch pal sath chalne ka naam hai rishta
ya jeevan bhar sath rehne ka naam hai rishta
kya kisi ko pyar dene ka naam hai rishta
ya kisi ka pyar pane ka naam hai rishta
Pal me ajnabi ko humsaya bana deta rishta
Agle hi pal humsaye ko ajnabi kar deta rishta
Bannae me jisko saalo lag jate hai
Wahi tutne me shan bhar nahi leta
Jo kabhi aapki himmat banta hai, to kabhi aapka rashak
Wahi tod deta hai banke aapka bhakshak..
Kya hota hai rishta , kyu hota hai rishta
Tez hava ka ek jhoke me tinke sa bikhar jata hai
Us tofan ke sath aapka sabkuch chala jata
bhid me b tume tanha kar jata hai
sirf kuch baatein aur der sari yaadein de jata hai
kaisa bhandhan hai ye jo bikher deta hai
kaisa sath hai jo akela chod deta hai
kuch pal ki khushi aur jeevan bhar ki tanhai de jata hai
aur dil-o-dimag me saval chod jata hai
Kya hota hai rishta , kyu hota hai rishta….
Thursday, October 25, 2007
We’ve Just Been Friends, And Now You’re Going….
Far away for forever.
But please don’t leave me without knowing,
How I feel as your time nears.
I know you’re older, more mature,
And far beyond me in some ways.
But there’s between us something pure,
That’s given me these magic days.
I thank you for the loveliness,
That your sweet friendship’ brought me.
Think of this poem as a caress,
That says “ I will miss you” gracefully.....